जमतारा (झारखंड) देश में साइबर ठगी (फ्रॉड) के लिए कुख्यात हो चुका है। यहां के कुछ युवाओं ने ऑनलाइन धोखाधड़ी (फ्रॉड) को अपना पेशा बना लिया है और देशभर के लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।
कैसे काम करता है जमतारा फ्रॉड?
फर्जी कॉल और मैसेज: ठग लोगों को बैंक अधिकारी, सरकारी कर्मचारी या मोबाइल कंपनी के एजेंट होने का नाटक करके फोन करते हैं।
वे पीड़ित को डराते हैं कि उनका बैंक अकाउंट ब्लॉक हो जाएगा या उन पर कोई कानूनी केस चल रहा है।
ओटीपी और बैंक डिटेल्स की चोरी: पीड़ित को भरोसे में लेकर उनसे OTP, बैंक अकाउंट नंबर, कार्ड डिटेल्स या UPI पिन मांगा जाता है।
इस जानकारी का इस्तेमाल करके उनके खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं।
लोन और जॉब फ्रॉड:
कुछ ठग नौकरी या आसान लोन का लालच देकर लोगों से पैसे ऐंठते हैं।
पुलिस की कार्रवाई
झारखंड पुलिस और साइबर सेल ने कई गिरफ्तारियां की हैं, लेकिन ठग नए-नए तरीके अपना रहे हैं।
केंद्र सरकार ने साइबर क्राइम पर रोकथाम के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है।
कैसे बचें?
किसी अज्ञात नंबर से मिले कॉल पर भरोसा न करें।
कभी भी OTP या बैंक डिटेल्स किसी के साथ शेयर न करें।
अगर धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, तो तुरंत 1930 पर रिपोर्ट करें।
जमतारा फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, इसलिए सतर्क रहें और दूसरों को भी जागरूक करें।
जमतारा फ्रॉड: ऑनलाइन ठगी का सिलसिला और नए तरीके
जमतारा (झारखंड) अब सिर्फ एक जिला नहीं, बल्कि “साइबर ठगी की राजधानी” बन चुका है। यहां के कुछ गाँवों में पूरे परिवार और युवा गिरोह ऑनलाइन फ्रॉड में लिप्त हैं। पुलिस के कई छापों के बावजूद, ये ठग नए-नए तरीकों से लोगों को लूट रहे हैं।
जमतारा फ्रॉड के नए मॉडस ऑपरेंडी (तरीके)
1. कर्ज माफी / सरकारी योजना फ्रॉड
ठग PM किसान, आयुष्मान भारत, बेरोजगारी भत्ता जैसी योजनाओं के नाम पर फर्जी कॉल करते हैं।
वे पीड़ित को “आपके खाते में ₹2 लाख आए हैं, लेकिन एक्टिवेट करने के लिए ₹5000 फीस देनी होगी” बोलकर पैसे ऐंठते हैं।
2. सोशल मीडिया / डेटिंग स्कैम
फेक प्रोफाइल बनाकर लोगों से दोस्ती करते हैं और “मदद के लिए पैसे भेजो” जैसे बहाने बनाते हैं।
कुछ मामलों में ब्लैकमेल करके पैसे वसूलने की घटनाएं भी सामने आई हैं।
3. टेक सपोर्ट स्कैम (फर्जी कंप्यूटर एक्सपर्ट)
“आपका फोन/लैपटॉप हैक हो गया है” कहकर वे पीड़ित को रिमोट एक्सेस देने के लिए मजबूर करते हैं।
फिर उनके बैंक अकाउंट या UPI से पैसे ट्रांसफर कर देते हैं।
4. क्रिप्टोकरेंसी / निवेश फ्रॉड
“10 दिन में पैसा डबल कर देंगे” जैसे झांसे देकर लोगों को फर्जी ऐप्स में पैसे लगाने के लिए उकसाते हैं।
एक बार पैसा ट्रांसफर होने के बाद वे गायब हो जाते हैं।
पुलिस एक्शन और चुनौतियाँ
2023-24 में सैकड़ों गिरफ्तारियाँ हुईं, लेकिन जमानत मिलते ही ठग फिर से वही धंधा शुरू कर देते हैं।
टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल: ठग VPN, वॉइस चेंजिंग सॉफ्टवेयर और फर्जी SIM कार्ड का इस्तेमाल करके पुलिस को चकमा देते हैं।
पैसे का ट्रैक करना मुश्किल: पैसा मूली, पेटीएम, गिफ्ट वाउचर या क्रिप्टो में ट्रांसफर करके गायब कर दिया जाता है।
कैसे बचें?
✅ किसी भी अज्ञात कॉल पर भरोसा न करें – बैंक/सरकारी अधिकारी कभी OTP या पैसे नहीं मांगते।
✅ UPI/बैंक डिटेल्स किसी के साथ शेयर न करें – कोई भी “KYC अपडेट” का झांसा दे सकता है।
✅ अगर ठगी का शिकार हुए हैं, तो तुरंत:
हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।
बैंक को फोन करके ट्रांजैक्शन ब्लॉक करवाएं।
Cyber Crime Portal (cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें।
जमतारा फ्रॉड अब सिर्फ झारखंड तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे देश में फैल चुका है। “थोड़ा सा लालच बड़ी मुसीबत” वाली कहावत यहां सच साबित होती है। सतर्क रहें, जागरूक रहें और दूसरों को भी बताएं।
⚠️ चेतावनी: कोई भी सरकारी योजना “फीस” मांगकर नहीं आती। अगर कोई आपसे पैसे मांगे, तो तुरंत संदेह करें!
📌 स्रोत: स्थानीय पुलिस रिपोर्ट्स, साइबर क्राइम विभाग, पीड़ितों के इंटरव्यू।