बैलेंस शीट: निवेशकों की सुपरपावर
जब आप स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं, तो बैलेंस शीट आपका सबसे शक्तिशाली हथियार बन सकता है। यह दस्तावेज आपको बताता है कि कंपनी:
कितनी मजबूत है
कितना कर्ज ले रखा है
भविष्य में ग्रोथ कर पाएगी या नहीं
बैलेंस शीट पढ़ने की 5 स्टेप स्ट्रेटजी
1. एसेट्स (संपत्ति) का विश्लेषण
करंट एसेट्स: देखें कैश, इन्वेंटरी और रिसीवेबल्स
अच्छा संकेत: कैश बढ़ रहा है
खराब संकेत: रिसीवेबल्स बहुत अधिक हैं
फिक्स्ड एसेट्स: प्रॉपर्टी, प्लांट और उपकरण
नए निवेश दिखें तो ग्रोथ का संकेत
2. लायबिलिटीज (देनदारियों) की जांच
शॉर्ट टर्म लोन: अगर बहुत ज्यादा हो तो खतरा
लॉन्ग टर्म डेट: देखें क्या यह समय के साथ कम हो रहा है
गोल्डन रूल: लायबिलिटीज एसेट्स से कम होनी चाहिए
3. इक्विटी सेक्शन समझें
शेयर कैपिटल: कंपनी ने कितना पैसा जुटाया
रिटेन्ड अर्निंग्स: पिछले मुनाफे का संग्रह
यह बढ़ रहा है तो अच्छा संकेत
4. 3 मैजिक रेश्योज
करंट रेशियो = करंट एसेट्स/करंट लायबिलिटीज
1.5 से ऊपर होना चाहिए
डेट-टू-इक्विटी रेशियो = टोटल डेट/इक्विटी
1 से कम आदर्श है
रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) = नेट प्रॉफिट/इक्विटी
15%+ अच्छा माना जाता है
5. ट्रेंड एनालिसिस
पिछले 5 साल के बैलेंस शीट्स की तुलना करें
देखें:
क्या कैश बढ़ रहा है?
क्या कर्ज कम हो रहा है?
क्या इक्विटी बढ़ रही है?
प्रैक्टिकल उदाहरण: टाटा मोटर्स
करंट एसेट्स: ₹1,20,000 करोड़
करंट लायबिलिटीज: ₹80,000 करोड़
करंट रेशियो = 1,20,000/80,000 = 1.5 (अच्छा)
टोटल डेट: ₹60,000 करोड़
इक्विटी: ₹1,00,000 करोड़
डेट-टू-इक्विटी = 0.6 (उत्कृष्ट)
निवेशकों के लिए अंतिम सलाह
हमेशा बैलेंस शीट को प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट और कैश फ्लो के साथ मिलाकर देखें
क्वार्टरली रिपोर्ट्स पर नजर रखें
सेक्टर औसत से तुलना करें
याद रखें: एक मजबूत बैलेंस शीट वाली कंपनी ही लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न दे सकती है। अगली बार कोई स्टॉक खरीदने से पहले जरूर चेक करें उसका बैलेंस शीट!
क्या आप किसी विशेष कंपनी का बैलेंस शीट एनालिसिस चाहते हैं? कमेंट में बताएं!