
भारतीय शेयर बाजार 2025: कब और कैसे बढ़ेगा?
भारतीय शेयर बाजार ने 2024 में निवेशकों को स्थिर रिटर्न दिया, लेकिन 2025 की चाल को लेकर उत्साह और सतर्कता दोनों का माहौल है। विशेषज्ञों, ब्रोकरेज फर्मों और आर्थिक संकेतकों के आधार पर यहां जानिए कि 2025 में बाजार कब और किन कारकों से बढ़ सकता है:
2025 का मार्केट आउटलुक: कब आएगी तेजी?
- मार्च-जून की संभावना: विशेषज्ञों के अनुसार, 2025 की पहली तिमाही में अस्थिरता रह सकती है, लेकिन मार्च के बाद ब्याज दरों में कटौती और बजट 2025 के प्रभाव से बाजार में सुधार शुरू हो सकता है। जून तक 10-15% की वृद्धि संभव है।
- दिसंबर तक टारगेट: मॉर्गन स्टेनली जैसी ग्लोबल फर्मों ने सेंसेक्स के 93,000 (+18%) और निफ्टी के 27,000 अंक तक पहुंचने का अनुमान लगाया है।
प्रमुख आर्थिक कारक जो बाजार को प्रभावित करेंगे 258
- जीडीपी और मुद्रास्फीति: भारत की जीडीपी ग्रोथ 2025 में 6.3-6.5% रहने का अनुमान है, जबकि मुद्रास्फीति 4% के लक्ष्य के करीब रह सकती है। यह स्थिरता बाजार के लिए सकारात्मक है।
- ब्याज दरों में कटौती: RBI द्वारा 2025 में 50 बेसिस पॉइंट (0.5%) की दर कटौती की उम्मीद है, जिससे ऋण लागत घटेगी और निवेश बढ़ेगा।
- वैश्विक प्रभाव: अमेरिका और चीन की नीतियां, कच्चे तेल की कीमतें, और FII निवेश बाजार की दिशा तय करेंगे।
किन सेक्टर्स में दिखेगी तेजी?
- इन्फ्रास्ट्रक्चर और कैपिटल गुड्स: सरकारी निवेश और PLI योजनाओं से इस सेक्टर में 15-20% की वृद्धि संभव है।
- बैंकिंग और फिनटेक: ब्याज दर कटौती और ऋण मांग बढ़ने से यह सेक्टर मजबूत रहेगा। ICICI बैंक, SBI, और एचडीएफसी बैंक प्रमुख पिक हैं।
- आईटी और टेक्नोलॉजी: ग्लोबल डिमांड और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) जैसी कंपनियों को फायदा होगा।
- एफएमसीजी और ग्रामीण मांग: ग्रामीण आय में सुधार और सरकारी योजनाओं से उपभोक्ता वस्तुओं की मांग बढ़ेगी।

बजट 2025 और सरकारी नीतियों की भूमिका
- कैपिटल गेन टैक्स में स्थिरता: निवेशकों को उम्मीद है कि सरकार टैक्स नीतियों में बड़े बदलाव से बचेगी, जिससे बाजार में विश्वास बना रहेगा।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्च: सरकार ने 2025 में सड़क, रेलवे, और एनर्जी सेक्टर पर खर्च बढ़ाने का संकेत दिया है।
- FII निवेश को प्रोत्साहन: विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरल नियम और टैक्स राहत की उम्मीद है।
निवेशकों के लिए सलाह
लॉन्ग-टर्म फोकस: HDFC सिक्योरिटीज के अनुसार, 2025 में मिड-सिंगल डिजिट रिटर्न की उम्मीद रखें। अस्थिरता को अवसर के रूप में देखें। डायवर्सिफिकेशन: इन्फ्रास्ट्रक्चर, बैंकिंग, और टेक सेक्टर में निवेश करें। मिड-कैप और स्मॉल-कैप स्टॉक्स में चयनात्मक रहें। सतर्कता: CLSA जैसी फर्मों ने महंगे वैल्यूएशन और ग्लोबल अनिश्चितताओं को देखते हुए सावधानी बरतने की सलाह दी है। 2025 में भारतीय शेयर बाजार के लिए सकारात्मक संकेत हैं, लेकिन वैश्विक अनिश्चितताएं और घरेलू आर्थिक चुनौतियां जोखिम भरी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि मार्च के बाद बाजार में तेजी आने की संभावना है, और दिसंबर तक सेंसेक्स 18% तक बढ़ सकता है 9। निवेशकों को सेक्टरल अवसरों पर ध्यान देने और दीर्घकालिक रणनीति अपनाने की आवश्यकता है।