
महाकुंभ का पहला स्नान लगभग सवा करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी विदेशी श्रद्धालु बड़ी संख्या में आए हैं।हमारी भारतीय संस्कृति विचार परंपरा का स्वरूप का गंगा जमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी तट पर लगभग 45 दिन तक कुंभमेला चलेगा। महाकुंभ का पहला स्थान लगभग सवा करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी विदेशी श्रद्धालु बड़ी संख्या में आए हैं।
हमारी भारतीय संस्कृति विचार परंपरा का स्वरूप का गंगा जमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी तट पर लगभग 45 दिन तक कुंभमेला चलेगा। अब तक महाकुंभ की शुरुआत और पहले अमृत स्नान लगभग एक करोड़ से भी अपार श्रद्धा दलों ने पवित्र डुबकी लगाई है संगम श्रद्धालो की भीड़ लगातार बढ़ रही है वह पुलिस जवान मौजूद है कुंभ मेले पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है सुरक्षा के लिए अंडरवाटर ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
भारतीय श्रद्धालुओं के साथ विदेशी भक्तों ने भी पवित्र स्नान किया। भारतीय भक्तों के साथ कई देशों से आए विदेशी श्रद्धालुओं ने भी पवित्र डुबकी लगाई। उनकी उपस्थिति ने आयोजन की भव्यता और विविधता को और बढ़ा दिया। भारतीय परंपरा के प्रति उनकी गहरी रुचि और आस्था के प्रतीक इस आयोजन में उनकी सहभागिता ने सामूहिक आध्यात्मिकता की भावना को प्रबल किया।महाकुंभ के पहले स्नान के दौरान गंगा तट पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था।

विदेशी श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर भारतीय संस्कृति की गहराई को अनुभव किया और इसे आत्मीयता से स्वीकार किया। पारंपरिक भारतीय परिधान में सजे विदेशी भक्तों का जोश और भारतीय रीति-रिवाजों के प्रति सम्मान ने इस आयोजन की गरिमा को और बढ़ा दिया।
आध्यात्मिक आयोजन: आध्यात्मिक चर्चा गंगा तट पर मंत्रोच्चार और पूजा-अर्चना के साथ महायज्ञों का आयोजन भी किया गया।संत-महात्माओं के प्रवचन और धार्मिक अनुष्ठानों ने आयोजन को और पावन बना दिया।आध्यात्मिक वातावरण ने न केवल भक्तों के हृदय को पावन किया बल्कि समाज में शांति और सद्भाव के संदेश को भी बल दिया।महायज्ञों का आयोजन भी किया गया। श्रद्धालुओं ने इन अनुष्ठानों में भाग लेकर अपने पापों से मुक्ति और आंतरिक शांति की कामना की।महाकुंभ के इस महत्वपूर्ण अवसर पर भक्तों की उमड़ी भीड़ ने भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया।