
मुंबई स्थित टोरेस ज्वेलरी कंपनी ने हाल ही में एक बड़े घोटाले को अंजाम दिया है, जिसमें हजारों निवेशकों से करोड़ों रुपये ठगे गए हैं। कंपनी ने निवेशकों को आकर्षक रिटर्न का वादा करते हुए उन्हें अपने जाल में फंसाया।
घोटाले का तरीका:
- उच्च रिटर्न : कंपनी ने निवेशकों को 11% साप्ताहिक रिटर्न का लालच दिया, जिससे लोग बड़ी संख्या में निवेश करने लगे।
- मोइसैनाइट स्टोन की बिक्री: निवेश के बदले कंपनी ने निवेशकों को मोइसैनाइट स्टोन दिए, जिनकी वास्तविक कीमत बहुत कम थी।
- शुरुआती भुगतान: शुरुआत में कंपनी ने निवेशकों को वादे के अनुसार भुगतान किया, जिससे उनका विश्वास बढ़ा।
- अचानक बंद होना: कुछ समय बाद कंपनी के सीईओ और अन्य अधिकारी गायब हो गए, और कार्यालय बंद हो गए, जिससे निवेशकों को अपने पैसे डूबने का एहसास हुआ।
- आकर्षक योजनाओं दादर में कुछ महीनों पहले शुरू हुई Torres नामक ज्वेलरी कंपनी ने अपनी हजारों लोगों को अपने जाल में फंसा लिया। कंपनी ने दावा किया उनकी स्कीम में निवेश करने पर हर सप्ताह 7% to 111% तक का रिटर्न मिलेगा। इस योजना ने लोगों को तेजी से आकर्षित किया, और देखते ही देखते कंपनी ने करोड़ों रुपये इकट्ठा कर लिए’
पुलिस कार्रवाई:
मुंबई पुलिस ने कंपनी के दो निदेशकों और तीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अब तक सात निवेशकों ने शिकायत दर्ज कराई है, जिनका कुल नुकसान 13.48 करोड़ रुपये बताया जा रहा है।

निवेशकों की प्रतिक्रिया:
कई निवेशकों ने अपनी जीवन भर की बचत इस योजना में लगा दी थी और अब वे निराश और गुस्से में हैं। वे अपने पैसे वापस पाने के लिए कंपनी के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।
सावधानी बरतें:
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी योजनाएं, जो असामान्य रूप से उच्च रिटर्न का वादा करती हैं, अक्सर धोखाधड़ी होती हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी निवेश से पहले कंपनी की पृष्ठभूमि और योजना की विश्वसनीयता की जांच अवश्य करें।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि उच्च रिटर्न के लालच में बिना पूरी जानकारी के निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। सभी निवेशकों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध योजना से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
इस घोटाले के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप निम्नलिखित वीडियो देख सकते हैं:
घोटाले से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:
कंपनी की रणनीति:
- फर्जी प्रमाणपत्र और लाइसेंस:
टोरेस कंपनी ने निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए फर्जी प्रमाणपत्र और लाइसेंस का सहारा लिया। उन्होंने बताया कि उनकी योजना सरकार से मान्यता प्राप्त है, लेकिन यह दावा झूठा निकला। - सोशल मीडिया और वर्ड ऑफ माउथ का इस्तेमाल:
उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रचार किया और मौजूदा निवेशकों से नए निवेशक जोड़ने के लिए प्रोत्साहन (रेफरल बोनस) दिया। - धोखाधड़ी नेटवर्क का निर्माण:
कंपनी ने एक पोंजी स्कीम (Ponzi Scheme) का उपयोग किया, जिसमें पुराने निवेशकों को नए निवेशकों से लिए गए पैसे से भुगतान किया जाता था।
पुलिस और सरकारी कदम:
- जांच एजेंसियों की भागीदारी:
मामले की जांच में साइबर क्राइम सेल और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को शामिल किया गया है। - सील संपत्तियां:
कंपनी की संपत्तियों और बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि संपत्तियों को नीलाम करके निवेशकों का पैसा लौटाने की कोशिश की जाएगी।
निवेशकों के लिए संदेश:
- कानूनी प्रक्रिया में भाग लें:
अगर आपने इस कंपनी में निवेश किया है, तो नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं। - कानूनी सलाह लें:
किसी वकील से संपर्क करें ताकि आप अपनी निवेश राशि वापस पाने के लिए न्यायिक प्रक्रिया का सहारा ले सकें। - भविष्य में सतर्क रहें:
- किसी भी योजना में निवेश करने से पहले उसकी प्रमाणिकता की जांच करें।
- केवल आरबीआई और सेबी द्वारा अधिकृत वित्तीय संस्थानों में निवेश करें।
आगे क्या?
- पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह घोटाला राष्ट्रीय स्तर पर फैला हो सकता है। अन्य राज्यों में भी जांच बढ़ाई जा सकती है।
- यदि आप इस मामले में शामिल नहीं हैं, तो भी यह एक महत्वपूर्ण चेतावनी है कि आप ऐसी “अत्यधिक लाभ देने वाली” योजनाओं से बचें।
- टोरेस ज्वेलरी कंपनी के घोटाले से जुड़ी कुछ नई जानकारियां सामने आई हैं:
- अंतरराष्ट्रीय संबंध:
- इस घोटाले में अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन का पता चला है। मुंबई पुलिस ने दो विदेशी नागरिकों सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन पर निवेशकों से 13.48 करोड़ रुपये ठगने का आरोप है।
- कंपनी की कार्यप्रणाली:
- कंपनी ने दादर में अपना आउटलेट खोला और हीरे व निवेश के नाम पर हजारों लोगों को ठगा। कंपनी के मालिक अचानक फरार हो गए, जिससे निवेशकों में हड़कंप मच गया।
- निवेशकों की प्रतिक्रिया:
- कई निवेशकों ने अपनी जीवन भर की कमाई इस कंपनी में निवेश की थी। कंपनी के अचानक बंद होने से वे अब अपने पैसे वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
- पुलिस की कार्रवाई:
- मुंबई पुलिस ने कंपनी के निदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अब तक सात निवेशकों ने शिकायत दर्ज कराई है, जिनका कुल नुकसान 13.48 करोड़ रुपये बताया जा रहा है।
- सावधानी बरतें:
- विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी योजनाएं, जो असामान्य रूप से उच्च रिटर्न का वादा करती हैं, अक्सर धोखाधड़ी होती हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी निवेश से पहले कंपनी की पृष्ठभूमि और योजना की विश्वसनीयता की जांच अवश्य करें।
- इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि उच्च रिटर्न के लालच में बिना पूरी जानकारी के निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। सभी निवेशकों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध योजना से दूर रहने की सलाह दी जाती है।