भारत की जीडीपी में 14% का योगदान देती है. महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था. महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था के बारे कुछ और जानकारीः
- महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था, भारत के राज्यों में सबसे बड़ी है.
- महाराष्ट्र, भारत का दूसरा सबसे ज़्यादा औद्योगिक राज्य है.
- महाराष्ट्र में, राष्ट्रीय औद्योगिक उत्पादन में 20% का योगदान होता है.
- महाराष्ट्र में, सकल राज्य घरेलू उत्पाद में करीब 46% का योगदान उद्योग करता है.
- महाराष्ट्र में, सॉफ़्टवेयर पार्क हैं और यह सॉफ़्टवेयर का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है.
- महाराष्ट्र में, सालाना निर्यात 80,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा है.

महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति:
महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था ने हाल के वर्षों में एक महत्वपूर्ण वृद्धि दिखाई है, और यह देश की सबसे बड़ी और सबसे प्रभावशाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक मानी जाती है। ताजे आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र की आर्थिक वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से अधिक रही है। महाराष्ट्र की राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में 14.2% का योगदान है, जो देश की जीडीपी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है।
यह योगदान महाराष्ट्र की उद्योगों, कृषि, सेवा क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में मौजूद सशक्त स्थिति को दर्शाता है। राज्य की आर्थिक गतिविधियों में प्रमुख योगदान देने वाले क्षेत्र हैं:
- उद्योग: महाराष्ट्र देश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में से एक है, जिसमें मुंबई, पुणे, नासिक और ठाणे जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। यहां की कंपनियों का योगदान भारी उद्योगों, सूचना प्रौद्योगिकी, वित्तीय सेवा, और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र में है।
- सेवा क्षेत्र: महाराष्ट्र का सेवा क्षेत्र, विशेष रूप से मुंबई में स्थित वित्तीय और आईटी उद्योग, देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मुंबई भारत का वित्तीय और व्यापारिक हब माना जाता है, जो भारतीय स्टॉक एक्सचेंज, बैंकों और वित्तीय संस्थाओं का केंद्र है।
- कृषि: कृषि क्षेत्र में भी महाराष्ट्र का महत्वपूर्ण योगदान है, खासकर फलों जैसे अंगूर, आम, और पपीते की खेती के लिए।
महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था का यह योगदान भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और राज्य के विकासात्मक प्रयासों को और बल देता है।

महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को लेकर और भी महत्वपूर्ण बातें हैं, जो इसके विकास और योगदान को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं:
- विकसित बुनियादी ढांचा (Infrastructure Development): महाराष्ट्र ने बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भारी निवेश किया है। राज्य में कई प्रमुख पोर्ट्स, अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे, और विकसित रेलवे नेटवर्क हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को गतिशील और प्रतिस्पर्धी बनाते हैं। मुंबई और पुणे के अलावा, नागपुर, औरंगाबाद, और कोल्हापुर जैसे शहरों में भी औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ रही हैं।
- आर्थिक विविधता: महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था का विविधता की दृष्टि से विशेष महत्व है। यहां कृषि, उद्योग, सेवा क्षेत्र, और व्यापार सभी क्षेत्रों में जबरदस्त विकास हुआ है। राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी (IT), ऑटोमोटिव, फार्मास्यूटिकल्स, विनिर्माण और मनोरंजन उद्योग (बॉलीवुड) जैसे कई प्रमुख क्षेत्र हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अनिवार्य हैं।
- बॉलीवुड और मनोरंजन उद्योग: मुंबई, जिसे फिल्म उद्योग का वैश्विक केंद्र माना जाता है, भारतीय फिल्म उद्योग यानी बॉलीवुड का प्रमुख हब है। इस उद्योग का देश और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक योगदान बहुत बड़ा है, जिससे पर्यटन, रोजगार, और व्यापार को भी बढ़ावा मिलता है।
- विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment – FDI): महाराष्ट्र ने एफडीआई आकर्षित करने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है, विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी, बायोटेक्नोलॉजी, और फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्रों में। मुंबई के आर्थिक क्षेत्र में विदेशी निवेशकों का एक प्रमुख केन्द्र बनना राज्य की आर्थिक शक्ति को और बढ़ाता है।
- नौकरी के अवसर (Employment Opportunities): महाराष्ट्र में हर साल लाखों नौकरियों का सृजन होता है, जो न केवल स्थानीय बल्कि अन्य राज्यों के लोगों के लिए भी आकर्षण का कारण बनता है। मुंबई, पुणे, नासिक और नागपुर जैसे शहरों में बढ़ती औद्योगिक और सेवा गतिविधियों से बेरोजगारी दर को कम करने में मदद मिल रही है।
- राज्य सरकार की नीतियाँ: महाराष्ट्र सरकार ने उद्योगों के लिए आकर्षक नीतियाँ बनाई हैं, जैसे कि सिंगल विंडो क्लीयरेंस, औद्योगिक क्षेत्रों के लिए विशेष प्रोत्साहन और टैक्स छूट, जो निवेशकों के लिए लाभकारी हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास योजनाओं की घोषणा की है, जो आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित कर रही हैं।
- नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy): महाराष्ट्र ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भी निवेश बढ़ाया है, जिसमें सोलर और विंड एनर्जी प्रमुख हैं। राज्य की सरकार ने 2025 तक 17,000 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जो राज्य को पर्यावरणीय दृष्टि से भी सशक्त बना रहा है और आर्थिक विकास को गति दे रहा है।
- शहरीकरण और प्रौद्योगिकी (Urbanization and Technology): राज्य में शहरीकरण की गति तेज़ है, और नई तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ रहा है। स्मार्ट सिटी परियोजनाओं, डिजिटल प्रौद्योगिकियों, और इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास से महाराष्ट्र के शहरों में व्यापार और सेवाओं की उपलब्धता में सुधार हो रहा है।
इन सभी कारकों के परिणामस्वरूप, महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था न केवल देश की जीडीपी में अहम योगदान दे रही है, बल्कि राज्य के विकास और समृद्धि के लिए भी रास्ते खोल रही है।