कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए हरासमेंट (उत्पीड़न) एक गंभीर मुद्दा है। यह न केवल व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि उनके करियर और आत्मविश्वास को भी नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आपके साथ कार्यस्थल पर हरासमेंट हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज करने के बजाय सही कदम उठाना जरूरी है। यहां कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं जो आपको इस स्थिति में करनी चाहिए: स्थिति को समझें और पहचानें हरासमेंट कई रूपों में हो सकता है, जैसे यौन उत्पीड़न, मानसिक प्रताड़ना, भेदभाव, या धमकी देना। पहले यह समझें कि आपके साथ जो हो रहा है, वह हरासमेंट की श्रेणी में आता है या नहीं। अगर आपको लगता है कि आपके साथ गलत व्यवहार हो रहा है, तो इसे अनदेखा न करें।
घटना को डॉक्यूमेंट करें हरासमेंट की हर घटना को लिखित रूप में दर्ज करें। इसमें तारीख, समय, स्थान, और घटना का विवरण शामिल होना चाहिए।
अगर कोई साक्षी है, तो उनका नाम और संपर्क जानकारी भी नोट कर लें। यह आपके केस को मजबूत बनाने में मदद करेगा।
कंपनी की HR टीम से संपर्क करें ज्यादातर कंपनियों में हरासमेंट के खिलाफ नीतियां होती हैं। आपको कंपनी के HR डिपार्टमेंट से संपर्क करना चाहिए और अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए। HR टीम को घटना की पूरी जानकारी दें और साथ ही अपने डॉक्यूमेंटेशन को भी शेयर करें।
आंतरिक शिकायत समिति (ICC) से संपर्क करें भारत में, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत हर कंपनी को एक आंतरिक शिकायत समिति (ICC) बनाना अनिवार्य है। अगर आपके साथ यौन उत्पीड़न हुआ है, तो ICC से संपर्क करें।
ICC आपकी शिकायत की जांच करेगी और उचित कार्रवाई करेगी।
कानूनी सहायता लें अगर कंपनी आपकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं करती है या आपको लगता है कि आपके साथ अन्याय हो रहा है, तो कानूनी सहायता लेना जरूरी है। आप श्रम अदालत या स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। भारत में हरासमेंट के खिलाफ कानूनी प्रावधान मौजूद हैं, जो आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें हरासमेंट का शिकार होने पर व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। ऐसे में, परिवार और दोस्तों से बात करें और उनका सहारा लें। अगर जरूरत हो, तो किसी मनोवैज्ञानिक या काउंसलर से सलाह लें। मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें। सहकर्मियों का सहयोग लेंअगर आपके सहकर्मी भी इस तरह की घटनाओं के शिकार हुए हैं, तो उनके साथ मिलकर कदम उठाएं। सामूहिक शिकायत अधिक प्रभावी हो सकती है। एकजुटता दिखाने से कंपनी पर दबाव बनता है और वे गंभीरता से कार्रवाई करते हैं।
अपने अधिकारों को जानें कार्यस्थल पर हरासमेंट के खिलाफ आपके अधिकारों को जानना जरूरी है। भारत में कानून आपकी सुरक्षा और सम्मान की गारंटी देता है। आपको किसी भी तरह के उत्पीड़न को सहन करने की जरूरत नहीं है। अपने अधिकारों के लिए खड़े हों। मीडिया और सोशल मीडिया का सहारा अगर कंपनी और कानूनी प्रक्रिया आपकी मदद नहीं करते हैं, तो मीडिया या सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात रख सकते हैं। हालांकि, यह कदम सोच-समझकर उठाएं, क्योंकि इसके अपने फायदे और नुकसान हो सकते हैं। नौकरी बदलने का विकल्प अगर कंपनी में कार्यस्थल का माहौल बहुत जहरीला हो गया है और आपको लगता है कि आपकी सुरक्षा खतरे में है, तो नौकरी बदलने का विकल्प भी सोच सकते हैं। हालांकि, यह आखिरी विकल्प होना चाहिए।
कार्यस्थल पर हरासमेंट एक गंभीर समस्या है, लेकिन इसे सहन करने की जरूरत नहीं है। आपके पास कानूनी और संगठनात्मक सहायता के विकल्प मौजूद हैं। सही कदम उठाकर आप न केवल अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं, बल्कि दूसरों को भी इस तरह की घटनाओं से बचा सकते हैं। याद रखें, आपका सम्मान और सुरक्षा सबसे जरूरी है।