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IPO:-आईपीओ (IPO) क्या है?

आईपीओ (IPO) क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में

1. आईपीओ का परिचय

आईपीओ (IPO) का पूरा नाम इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (Initial Public Offering) है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कोई कंपनी पहली बार अपने शेयरों को आम जनता के लिए जारी करती है। इसके माध्यम से कंपनी पूंजी जुटाती है और शेयर बाजार में सूचीबद्ध हो जाती है। आईपीओ के जरिए निवेशक कंपनी के शेयर खरीदकर उसकी हिस्सेदारी प्राप्त कर सकते हैं ।

2. आईपीओ का उद्देश्य

आईपीओ का मुख्य उद्देश्य कंपनी के लिए पूंजी जुटाना है। यह पूंजी कंपनी के विस्तार, नए प्रोजेक्ट्स, ऋण चुकाने, या अन्य व्यावसायिक जरूरतों के लिए उपयोग की जा सकती है। इसके अलावा, आईपीओ कंपनी की ब्रांड इमेज और विश्वसनीयता को भी बढ़ाता है ।

3. आईपीओ के प्रकार

आईपीओ मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:

  1. फिक्स्ड प्राइस आईपीओ (Fixed Price IPO): इसमें शेयर की कीमत पहले से निर्धारित होती है और निवेशकों को यह कीमत चुकानी होती है 1।
  2. बुक बिल्डिंग आईपीओ (Book Building IPO): इसमें शेयर की कीमत एक निश्चित रेंज (फ्लोर प्राइस और कैप प्राइस) के बीच होती है। निवेशक इस रेंज में बोली लगाते हैं, और अंतिम कीमत निवेशकों की बोली के आधार पर तय होती है ।

4. आईपीओ की प्रक्रिया

  1. डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलना: आईपीओ में निवेश करने के लिए निवेशक के पास डीमैट और ट्रेडिंग खाता होना आवश्यक है ।
  2. ASBA सुविधा: आईपीओ के लिए आवेदन करते समय ASBA (Applications Supported by Blocked Amount) सुविधा का उपयोग किया जाता है। इसके तहत निवेशक की राशि ब्लॉक हो जाती है और शेयर आवंटन होने पर ही डेबिट की जाती है ।
  3. आवेदन प्रक्रिया: निवेशक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, UPI, या ब्रोकर के माध्यम से आईपीओ के लिए आवेदन कर सकते हैं ।
  4. शेयर आवंटन: आईपीओ बंद होने के बाद शेयरों का आवंटन किया जाता है। यदि निवेशक को शेयर मिलते हैं, तो वे उसके डीमैट खाते में जमा हो जाते हैं ।

5. आईपीओ में निवेश के लाभ

शुरुआती निवेश का लाभ: आईपीओ में निवेश करने वाले निवेशकों को शेयरों की शुरुआती कीमत पर खरीदने का मौका मिलता है, जो भविष्य में अच्छा रिटर्न दे सकता है । कंपनी की हिस्सेदारी: निवेशक कंपनी के विकास में भागीदार बन जाते हैं और उसके लाभ में हिस्सा पा सकते हैं । ब्रांड विश्वसनीयता: आईपीओ कंपनी की विश्वसनीयता और पहचान को बढ़ाता है ।PO में निवेश करने का मुख्य लाभ पूंजी वृद्धि की संभावना है, जो निवेशकों को सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध होने से पहले कम कीमत पर शेयर खरीदने की अनुमति देता है। IPO उच्च विकास वाली कंपनियों तक जल्दी पहुंच प्रदान करते हैं, साथ ही लंबी अवधि में पर्याप्त रिटर्न की संभावना भी होती है।

6. आईपीओ में निवेश के जोखिम

7. आईपीओ में निवेश के लिए टिप्स

कंपनी का विश्लेषण: आईपीओ में निवेश करने से पहले कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य, बिजनेस मॉडल और भविष्य की योजनाओं का विश्लेषण करें । कट-ऑफ प्राइस पर बोली लगाएं: कट-ऑफ प्राइस पर बोली लगाने से शेयर आवंटन की संभावना बढ़ जाती है । ओवरसब्सक्राइब आईपीओ से सावधान: अत्यधिक ओवरसब्सक्राइब आईपीओ में शेयर आवंटन की संभावना कम होती है । आईपीओ निवेशकों के लिए एक बेहतरीन अवसर हो सकता है, लेकिन इसमें जोखिम भी होते हैं। सही जानकारी और विश्लेषण के साथ निवेश करने से आप अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। आईपीओ में निवेश करने से पहले कंपनी की पूरी जानकारी प्राप्त करना और बाजार की स्थिति को समझना आवश्यक है। अगर आप आईपीओ में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो इस ब्लॉग में दी गई जानकारी आपके लिए मददगार साबित हो सकती है।आईपीओ में निवेश करने के लिए, न्यूनतम निवेश राशि कंपनी की ओर से तय की जाती है. यह राशि, आईपीओ के प्राइस बैंड और लॉट साइज़ पर निर्भर करती है. आईपीओ में कितना मुनाफा हो सकता है?ऐसे में निवेशकों को लिस्टिंग वाले दिन 72 फीसदी से ज्यादा मुनाफा हो सकता है. हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी की कारोबारी सेहत के हिसाब से निवेश से जुड़े फैसले लेने चाहिए. इस आईपीओ का प्राइस बैंड 275 रुपये से 290 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है.

आईपीओ में निवेश करने के लिए, खुदरा निवेशक 2 लाख रुपये तक निवेश कर सकता है. अगर किसी को ज़्यादा निवेश करना है, तो वह एनआईआई श्रेणी का इस्तेमाल कर सकता है.  आईपीओ में निवेश करने से जुड़ी कुछ और बातेंः आईपीओ में निवेश करने से पहले, कंपनी के बारे में जानकारी जुटा लेनी चाहिए. आईपीओ में निवेश करने से पहले, कंपनी के बारे में जानकारी जुटा लेनी चाहिए. आईपीओ में निवेश करने का मतलब है, कंपनी के शेयर खरीदना.  आईपीओ में निवेश करने से पहले, कंपनी के बारे में जानकारी जुटा लेनी चाहिए. आईपीओ में निवेश करने के बाद, शेयरों को लंबे समय तक रखने से अच्छा रिटर्न मिल सकता है. आईपीओ में निवेश करने से पहले, कंपनी के बारे में जानकारी जुटा लेनी चाहिए.  हर आईपीओ में निवेश करना सही नहीं होता. निवेशक लिस्टिंग के दिन सुबह 10 बजे के बाद आईपीओ शेयर बेच सकता है, ठीक वैसे ही जैसे वह एक्सचेंज पर कोई अन्य स्टॉक बेच सकता है। लिस्टिंग के दिन सुबह 10 बजे के बाद आईपीओ शेयरों का कारोबार सामान्य शेयरों की तरह होता है। पूर्व-उद्घाटन आदेश सामान्य आदेशों की तरह सुबह 9:00 से 9:45 के बीच दिए जाते हैं। आईपीओ का एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि निवेशकों को कंपनी के बारे में सभी जानकारी तक पहुँच मिलती है, जिसमें उसका मुनाफ़ा, आगामी बोर्ड मीटिंग, अनुमान और बहुत कुछ शामिल है। शेयरधारक के रूप में, निवेशक कंपनी से संबंधित सार्वजनिक और गैर-सार्वजनिक दोनों तरह की जानकारी तक पहुँच सकते हैं। आईपीओ के जरिए कंपनी फंड इकट्ठा करती है और उस फंड को कंपनी की तरक्की में खर्च करती है. बदले में आईपीओ खरीदने वाले लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है. IPO में जो शेयर अलॉट होते हैं, वो आमतौर पर BSE या NSE जैसे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होते हैं. जहां लोग इन शेयरों की आराम से खरीद बिक्री कर सकते हैं।

अगर मेरा आईपीओ आवंटित नहीं हुआ तो मेरे पैसे का क्या होगा?आईपीओ के पैसे का क्या होता है? अगर आपको आईपीओ में शेयरों का आवंटन मिलता है, तो ब्लॉक की गई राशि डेबिट हो जाती है, और लिस्टिंग के दिन शेयर आपके डीमैट खाते में जमा हो जाते हैं। अगर आपको आवंटन नहीं मिलता है, तो कोई भी अतिरिक्त राशि आपके खाते में वापस कर दी जाती है।आईपीओ कितना रिटर्न देता है?अगर स्टॉक की कीमत आपको लिस्टिंग डे पर 40% का रिटर्न देती है, तो इसकी ओपनिंग कीमत ₹280 होगी. इस रणनीति के तहत, इन्वेस्ट की गई राशि को रिकवर करने के लिए उन्हें 150 शेयरों में से 108 शेयर बेचना चाहिए. अच्छे रिटर्न अर्जित करने के लिए उन्हें बचे 42 शेयर लंबे समय तक रखा जा सकता है.

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