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प्रयागराज में महाकुंभ 2025: आस्था, भीड़ और प्रशासन की तैयारियाँ । 

प्रयागराज, जिसे तीर्थराज के नाम से भी जाना जाता है, एक बार फिर से दुनिया भर के श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से शुरू हुआ और 26 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान लाखों-करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। अब तक 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं, जो इस आयोजन की भव्यता को दर्शाता है।स्नान घाटों तक पहुंच सुव्यवस्थित करने के लिए डिजिटल टोकन प्रणाली शुरू की गई ।  वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए खास बंदोबस्त किए गए  प्रयागराज के सभी माध्यमिक स्कूलों की कक्षाएं ऑनलाइन संचालित की गईं । 

सुरक्षा और आपदा तत्परता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक उपकरण तैनात किए गए। एआई-संचालित सीसीटीवी कैमरों, ड्रोन निगरानी, और वास्तविक समय विश्लेषण के नेटवर्क से सुरक्षा सुनिश्चित की गई।  50,000 से ज़्यादा पुलिसकर्मी, 14,000 होम गार्ड तैनात किए गए। 

महाकुंभ की भव्यता और चुनौतियाँ
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज की सड़कों पर भारी भीड़ और यातायात जाम की स्थिति बनी हुई है। श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक है कि कई बार उन्हें किलोमीटरों पैदल चलकर संगम तक पहुंचना पड़ रहा है। कुछ श्रद्धालु तो जान जोखिम में डालकर शॉर्टकट रास्ते अपना रहे हैं, जिससे सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं।

प्रशासन ने इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कड़े इंतजाम किए हैं। प्रयागराज पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा ने बताया कि शहर के अंदर और बाहर यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। गलत तरीके से पार्क किए गए वाहनों को क्रेन के जरिए हटाया जा रहा है, और श्रद्धालुओं को सुरक्षित पार्किंग स्थलों तक पहुंचाया जा रहा है।

राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियाँ
महाकुंभ के दौरान कई राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों ने भी प्रयागराज का दौरा किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ त्रिवेणी संगम पर आरती की2। इसके अलावा, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अपने परिवार के साथ संगम में नाव की सवारी की और पवित्र डुबकी लगाई।

पर्यावरणीय चिंताएँ
महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना नदियों में कचरे की समस्या भी गंभीर हो गई है। हर दिन निकलने वाले कचरे की मात्रा ने पर्यावरणविदों को चिंतित कर दिया है। इसके बावजूद, समाज कल्याण विभाग ने 95 वृद्धजनों को संगम में पवित्र स्नान कराने की पहल की है, जो सामाजिक सरोकारों को दर्शाता है।
महाकुंभ 2025 न केवल आस्था का महापर्व है, बल्कि यह प्रशासनिक तैयारियों और चुनौतियों का भी एक बड़ा परीक्षण है। प्रयागराज में जारी इस आयोजन ने दुनिया को भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक शक्ति का एक बार फिर से परिचय दिया है। आने वाले दिनों में माघ पूर्णिमा के स्नान के लिए और अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जो इस महापर्व की भव्यता को और बढ़ाएगा। प्रयागराज की यह आध्यात्मिक यात्रा न केवल श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक अद्भुत अनुभव है। जय हो प्रयागराज, जय हो महाकुंभ! प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ 2025 के आयोजन और उससे जुड़ी विभिन्न गतिविधियों पर आधारित है। अधिक जानकारी के लिए आप संबंधित स्रोतों का उल्लेख कर सकते हैं।

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