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सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए 1.12 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी शो-कॉज नोटिस पर रोक लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए 1.12 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी शो-कॉज नोटिस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि इन नोटिस से जुड़ी सभी कार्यवाहियां फिलहाल स्थगित रहेंगी, जब तक इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता। मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च, 2025 को निर्धारित की गई है।

यह फैसला ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि कर अधिकारियों और कंपनियों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। विवाद का मुख्य मुद्दा ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी लागू करने की व्याख्या है। सरकार का कहना है कि 28 प्रतिशत जीएसटी पूरे एंट्री अमाउंट पर लगना चाहिए, जिसमें इनाम राशि (प्राइज पूल) भी शामिल होती है। वहीं, गेमिंग कंपनियों का तर्क है कि जीएसटी केवल उनके प्लेटफॉर्म फीस या कमीशन पर लगना चाहिए, क्योंकि इनमें से कई गेम कौशल (स्किल) पर आधारित होते हैं, न कि किस्मत (चांस) पर।

इससे पहले, जीएसटी अधिकारियों ने कर चोरी के आरोप में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के कारण बताओ नोटिस जारी किए थे। उदाहरण के लिए, ड्रीम11 को 40,000 करोड़ रुपये की कर चोरी के लिए नोटिस भेजा गया था, जबकि डेल्टा कॉर्प जैसी कैसीनो एवं गेमिंग कंपनी को 23,000 करोड़ रुपये चुकाने का नोटिस मिला था।

सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के शेयरों में भी वृद्धि देखी गई है। डेल्टा कॉर्प और नाजारा टेक जैसी कंपनियों के शेयरों में इंट्रा-डे ट्रेड के दौरान 7 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई

यह मामला ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे कराधान और नियामकीय ढांचे को लेकर स्पष्टता मिल सकती है, जो इस तेजी से बढ़ते सेक्टर के भविष्य को प्रभावित करेगा।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को मिली राहत ने इस उद्योग में कई नई चर्चाओं को जन्म दिया है। यहाँ कुछ और महत्वपूर्ण बिंदु हैं जो इस घटनाक्रम से जुड़े हैं:

कानूनी और नियामकीय जटिलताएँ:

उद्योग पर प्रभाव:

सरकारी रुख:

सरकार का मानना है कि उच्च जीएसटी दर से गेमिंग के चांस-बेस्ड स्वरूप पर अंकुश लगाया जा सकता है, जो सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।इसमें उन पर 2022-23 के दौरान और 2023-24 के पहले सात महीनों में ब्याज और दंड को छोड़कर 1.12 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी की चोरी का आरोप लगाया गया। अदलत में गेम्स 24×7, हेड डिजिटल वर्क्स, फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसी कई ऑनलाइन गेमिंग फर्मों ने याचिका दाखिल की थी। 2023 में जीएसटी खुफिया महानिदेशालय ने गेमिंग कंपनियों को 71 नोटिस भेजे।

संभावित भविष्य:

अगले कदम:

यह मामला उद्योग, नीति निर्माताओं और कानूनी विशेषज्ञों के बीच गहरी चर्चा का विषय बना हुआ है। यहाँ इससे संबंधित और अधिक जानकारी है:

गेमिंग उद्योग की बढ़ती प्रासंगिकता:

कौशल बनाम किस्मत का विवाद:

विदेशी निवेश और स्टार्टअप्स:

सामाजिक और नैतिक पहल

उद्योग का रुख:

आगे की चुनौतियाँ:

यह घटनाक्रम भारत के तेजी से बढ़ते गेमिंग उद्योग के भविष्य को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।

ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए 1.12 लाख करोड़ रुपये के गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) शो-कॉज नोटिस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि इन नोटिस से जुड़े सभी मामले फिलहाल स्थगित रहेंगे जब तक इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता।

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