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टोरेस कंपनी ने निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए फर्जी प्रमाणपत्र और लाइसेंस का सहारा लिया।

मुंबई स्थित टोरेस ज्वेलरी कंपनी ने हाल ही में एक बड़े घोटाले को अंजाम दिया है, जिसमें हजारों निवेशकों से करोड़ों रुपये ठगे गए हैं। कंपनी ने निवेशकों को आकर्षक रिटर्न का वादा करते हुए उन्हें अपने जाल में फंसाया।

घोटाले का तरीका:

पुलिस कार्रवाई:

मुंबई पुलिस ने कंपनी के दो निदेशकों और तीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अब तक सात निवेशकों ने शिकायत दर्ज कराई है, जिनका कुल नुकसान 13.48 करोड़ रुपये बताया जा रहा है।

निवेशकों की प्रतिक्रिया:

कई निवेशकों ने अपनी जीवन भर की बचत इस योजना में लगा दी थी और अब वे निराश और गुस्से में हैं। वे अपने पैसे वापस पाने के लिए कंपनी के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।

सावधानी बरतें:

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी योजनाएं, जो असामान्य रूप से उच्च रिटर्न का वादा करती हैं, अक्सर धोखाधड़ी होती हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी निवेश से पहले कंपनी की पृष्ठभूमि और योजना की विश्वसनीयता की जांच अवश्य करें।

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि उच्च रिटर्न के लालच में बिना पूरी जानकारी के निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। सभी निवेशकों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध योजना से दूर रहने की सलाह दी जाती है।

इस घोटाले के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप निम्नलिखित वीडियो देख सकते हैं:

घोटाले से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:

कंपनी की रणनीति:

पुलिस और सरकारी कदम:

निवेशकों के लिए संदेश:

  1. कानूनी प्रक्रिया में भाग लें:
    अगर आपने इस कंपनी में निवेश किया है, तो नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।
  2. कानूनी सलाह लें:
    किसी वकील से संपर्क करें ताकि आप अपनी निवेश राशि वापस पाने के लिए न्यायिक प्रक्रिया का सहारा ले सकें।
  3. भविष्य में सतर्क रहें:
    • किसी भी योजना में निवेश करने से पहले उसकी प्रमाणिकता की जांच करें।
    • केवल आरबीआई और सेबी द्वारा अधिकृत वित्तीय संस्थानों में निवेश करें।

आगे क्या?

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