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भारत में बेरोजगारी की स्थिति: एक गंभीर चिंता

भारत एक युवा देश है, जहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कामकाजी उम्र के युवाओं का है। लेकिन दुर्भाग्यवश, इस जनसांख्यिकीय लाभ को पूरी तरह से रोजगार में नहीं बदला जा सका है। देश में बेरोजगारी एक गंभीर सामाजिक और आर्थिक समस्या बन गई है, जो न केवल युवाओं को प्रभावित कर रही है बल्कि समग्र आर्थिक विकास पर भी असर डाल रही है।

भारत में बेरोजगारी का वर्तमान परिदृश्य (2025 तक):
राष्ट्रीय बेरोजगारी दर:
भारत में औसतन बेरोजगारी दर अप्रैल-जून 2025 के अनुसार लगभग 7.5% से 8.2% के बीच रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर थोड़ी कम है जबकि शहरी क्षेत्रों में युवाओं के बीच बेरोजगारी अधिक देखी जाती है।

शैक्षिक बेरोजगारी:
आज के समय में लाखों ग्रेजुएट्स, पोस्ट ग्रेजुएट्स और यहां तक कि इंजीनियर और MBA डिग्री धारक भी बेरोजगार हैं। इसका मुख्य कारण शिक्षा और उद्योग के बीच तालमेल की कमी है।

युवा बेरोजगारी:
20-29 वर्ष के युवाओं में बेरोजगारी दर सबसे अधिक है। युवाओं के लिए उपयुक्त नौकरी नहीं मिलना एक आम समस्या बन चुकी है।

बेरोजगारी के प्रमुख कारण:
जनसंख्या वृद्धि: भारत की विशाल जनसंख्या के कारण नौकरियों की मांग अधिक है लेकिन आपूर्ति सीमित है।

तकनीकी बदलाव: ऑटोमेशन और AI के कारण कई पारंपरिक नौकरियाँ समाप्त हो रही हैं।

शिक्षा प्रणाली की खामियाँ: हमारी शिक्षा प्रणाली रोजगार के लिए आवश्यक कौशल नहीं दे पा रही है।

असंगठित क्षेत्र में गिरावट: छोटे उद्योगों और MSMEs को आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है जिससे नौकरियों में कटौती हो रही है।

सरकारी नौकरियों की सीमित संख्या: हर वर्ष लाखों युवा सरकारी नौकरियों की तैयारी करते हैं लेकिन सीटें बहुत कम होती हैं।

बेरोजगारी के दुष्प्रभाव:
मानसिक तनाव और डिप्रेशन
अपराध दर में वृद्धि
आर्थिक असमानता
देश के विकास की रफ्तार में रुकावट
समाधान और सुझाव:स्किल डेवलपमेंट: युवाओं को रोजगार योग्य कौशल (जैसे डिजिटल मार्केटिंग, कोडिंग, AI आदि) सिखाने की आवश्यकता है।

स्टार्टअप को बढ़ावा: सरकार को नए व्यवसायों को प्रोत्साहन और सहयोग देना चाहिए। शिक्षा में सुधार: शिक्षा को व्यावसायिक और व्यवहारिक बनाया जाना चाहिए।MSME सेक्टर का समर्थन: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को टैक्स राहत और लोन सुविधा देनी चाहिए। रोजगार मेला और पोर्टल: हर जिले में रोजगार मेलों और डिजिटल रोजगार पोर्टल्स को मजबूती से लागू किया जाना चाहिए। भारत को यदि अपने युवा शक्ति को सही दिशा में लगाना है, तो बेरोजगारी की समस्या को जड़ से समझना और उसका समाधान खोजना अत्यंत आवश्यक है। सरकार के साथ-साथ समाज और निजी क्षेत्र को भी मिलकर युवाओं के लिए अवसरों का निर्माण करना होगा। तभी हम एक आत्मनिर्भर और विकसित भारत की कल्पना को साकार कर सकेंगे।

🔍 भारत में बेरोजगारी से जुड़ी आँकड़े और रिपोर्ट (2025 तक):
CMIE (Centre for Monitoring Indian Economy) के अनुसार:
जुलाई 2025 तक भारत में बेरोजगारी दर लगभग 7.8% रही है।

शहरी बेरोजगारी: 9.2%
ग्रामीण बेरोजगारी: 7.1%

ILO (International Labour Organization) की रिपोर्ट:
भारत में हर साल लगभग 1 करोड़ से अधिक युवा रोजगार की तलाश में श्रम बाजार में प्रवेश करते हैं, लेकिन उनमें से केवल 20-25% को ही स्थायी रोजगार मिल पाता है।

डिग्री है, नौकरी नहीं:
भारत में हर साल 50 लाख से अधिक ग्रेजुएट होते हैं लेकिन उनमें से करीब 30% से अधिक बेरोजगार रह जाते हैं।
💡 बेरोजगारी के प्रकार (Types of Unemployment):
खुली बेरोजगारी (Open Unemployment):
जब व्यक्ति के पास कोई रोजगार नहीं होता और वह सक्रिय रूप से नौकरी की तलाश करता है।

छिपी हुई बेरोजगारी (Hidden Unemployment):
ग्रामीण क्षेत्रों में यह आम है, जहाँ एक ही कार्य को कई लोग कर रहे होते हैं, जबकि कुछ लोग अगर काम न करें तो भी काम प्रभावित नहीं होता।

मौसमी बेरोजगारी (Seasonal Unemployment):
खेती और निर्माण क्षेत्र में यह देखने को मिलता है, जहाँ केवल कुछ महीने काम मिलता है।

प्रच्छन्न बेरोजगारी (Disguised Unemployment):
यह बेरोजगारी उस स्थिति को दर्शाती है जहाँ व्यक्ति कार्यरत होता है, लेकिन उसकी उत्पादकता शून्य या बहुत कम होती है।

तकनीकी बेरोजगारी (Technological Unemployment):
जब मशीनें और तकनीक इंसानों की जगह ले लेती हैं।

📊 राज्यवार बेरोजगारी दर (जुलाई 2025):
राज्य बेरोजगारी दर
हरियाणा 27%
राजस्थान 22%
दिल्ली 17%
बिहार 15%
महाराष्ट्र 6%
गुजरात 4%

(स्रोत: CMIE जुलाई 2025)

🏛️ सरकार द्वारा उठाए गए कदम:
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY):
युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु।

मुद्रा योजना:
स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए छोटे लोन प्रदान करना।

Make in India:
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देकर रोजगार सृजन।
Startup India:
नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करना।
Digital India और Skill India:
डिजिटल कौशल और तकनीकी शिक्षा में सुधार।

🤔 युवाओं के लिए सुझाव:
केवल डिग्री पर निर्भर न रहें, कौशल को प्राथमिकता दें।
इंटरशिप, प्रोजेक्ट और फ्रीलांसिंग से अनुभव प्राप्त करें।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स (जैसे Upwork, Freelancer, Fiverr, Internshala) का उपयोग करें।
स्टार्टअप और स्वयं का व्यवसाय शुरू करने पर विचार करें।

🧭 भविष्य की राह:
भारत में यदि डिजिटल कौशल, ग्रीन जॉब्स, AI/ML, हेल्थकेयर, और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में निवेश किया जाए तो अगले 5 वर्षों में लाखों नई नौकरियाँ पैदा हो सकती हैं।




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