भारत सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ (PMFBY) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है – पीक बीमा योजना। यह योजना प्राकृतिक आपदाओं से किसानों की फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए लागू की जाती है। वर्ष 2025 के लिए सरकार ने इस योजना में कुछ नई गाइडलाइन और मानदंड (New Guidelines and Criteria) लागू किए हैं, जिनके बारे में हर किसान को जानना जरूरी है।
🌾 क्या है पीक बीमा योजना?
पीक बीमा योजना किसानों को फसल की बर्बादी या नुकसान पर मुआवज़ा प्रदान करती है। यह योजना रबी, खरीफ और जायद सीजन की फसलों पर लागू होती है। इसमें प्राकृतिक आपदाएं, कीट या रोग के कारण फसल को हुए नुकसान को शामिल किया जाता है।
🆕 पीक बीमा योजना 2025 की नई गाइडलाइन
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य अब सभी किसानों को योजना में शामिल होने के लिए ऑनलाइन पोर्टल या मोबाइल ऐप के माध्यम से पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है। बीमा क्लेम के लिए भू-लेख और फसल प्रमाण पत्र जरूरी बीमा राशि प्राप्त करने के लिए किसान को अब भू-स्वामित्व प्रमाणपत्र और फसल बोने का सबूत देना अनिवार्य होगा। ड्रोन सर्वे और सैटेलाइट डेटा से नुकसान का मूल्यांकन नुकसान की जांच के लिए अब परंपरागत तरीकों के बजाय ड्रोन और सैटेलाइट आधारित तकनीक का उपयोग किया जाएगा जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी। बिना ऋण वाले किसान भी होंगे शामिल पहले योजना सिर्फ ऋणी किसानों के लिए थी, लेकिन अब गैर-ऋणी किसानों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
बीमा प्रीमियम की राशि
खरीफ फसल: 2%
रबी फसल: 1.5%
वार्षिक/व्यावसायिक फसलें: 5%
बीमा क्लेम की प्रक्रिया को किया गया तेज और पारदर्शी
अब 15 दिनों के भीतर सर्वे करके भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
📋 कौन पात्र है?
भारत का कोई भी किसान (ऋणी या गैर-ऋणी)
जिसकी भूमि का वैध दस्तावेज हो
जो पंजीकृत फसल की जानकारी पोर्टल पर समय पर अपलोड करे
📱 कैसे करें आवेदन?
https://pmfby.gov.in वेबसाइट पर जाएं
“Farmer Registration” विकल्प पर क्लिक करें
आधार नंबर, बैंक खाता और भूमि रिकॉर्ड अपलोड करें
फसल की जानकारी दर्ज करें
बीमा प्रीमियम ऑनलाइन जमा करें
पीक बीमा योजना की ये नई गाइडलाइंस किसानों के लिए अधिक पारदर्शिता, तेजी और सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। इस योजना के तहत सही समय पर रजिस्ट्रेशन और दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी करने से किसान आपदा की स्थिति में बड़ा आर्थिक नुकसान बचा सकते हैं।
🧾 पीक बीमा योजना की विशेषताएं (Key Features):
✅ जोखिमों का कवरेज (Coverage of Risks):
पीक बीमा योजना में निम्नलिखित जोखिमों को कवर किया गया है:
पूर्व-बीजारोपण जोखिम (Pre-Sowing Risks)
प्राकृतिक आपदा, भारी वर्षा या सूखा।
बुवाई से लेकर कटाई तक के जोखिम (Post-Sowing to Pre-Harvest Risks)
बारिश, बाढ़, सूखा, तूफान, पाला, कीट और रोग।
फसल कटाई के बाद (Post-Harvest Loss)
खेत में कटाई के बाद रखी फसल को 14 दिनों तक बारिश या तूफान से हुए नुकसान का मुआवजा।
स्थानीय आपदाएं (Localized Calamities)
ओलावृष्टि, भूस्खलन, जलभराव आदि।
📊 कैसे होता है नुकसान का आकलन?
नई गाइडलाइन के अनुसार अब सरकार टेक्नोलॉजी आधारित नुकसान आकलन प्रणाली को प्राथमिकता दे रही है:
ड्रोन सर्वे: खेत का 360 डिग्री सर्वेक्षण।
सैटेलाइट इमेजिंग: बड़े स्तर पर प्रभावित क्षेत्रों की पहचान।
AI आधारित विश्लेषण: डेटा का त्वरित मूल्यांकन।
इससे फर्जी दावों में कटौती होगी और सही किसान को समय पर मुआवजा मिलेगा।
🏦 बीमा कंपनी और बैंक की भूमिका:
सरकार द्वारा चयनित बीमा कंपनियां जैसे कि:
Agriculture Insurance Company of India (AIC)
IFFCO-Tokio
HDFC ERGO
Reliance General Insurance आदि
किसान का बीमा प्रीमियम बैंक खातों के माध्यम से काटा जाता है।
ग्रामीण बैंक, कोऑपरेटिव बैंक, और KCC अकाउंट वाले किसान स्वतः पात्र हो सकते हैं।
📢 महत्वपूर्ण बदलाव 2025 में:
बदलाव विवरण
📅 आवेदन की अंतिम तिथि खरीफ: 31 जुलाई, रबी: 31 दिसंबर
🪪 आधार अनिवार्य बिना आधार रजिस्ट्रेशन नहीं
📷 फोटो अपलोड जरूरी फसल की जियो-टैग्ड तस्वीर
📜 ट्रांसपेरेंसी SMS और पोर्टल से ट्रैकिंग
🧑🌾 पात्रता की पुष्टि ग्राम पंचायत स्तर पर किसान सूची
🧭 राज्यवार योगदान और भागीदारी:
कुछ राज्य जैसे पश्चिम बंगाल, पंजाब और बिहार ने PMFBY से खुद को अलग कर लिया है और अपनी फसल बीमा योजनाएं चला रहे हैं।
भाग लेने वाले राज्यों की लिस्ट हर साल अपडेट होती है। इसके लिए PMFBY वेबसाइट पर जाएं।
📞 संपर्क सूत्र (Helpline):
कॉल सेंटर: 14447 (टोल फ्री)
ईमेल: help@pmfby.gov.in
मोबाइल ऐप: PMFBY Android App (Google Play Store)
📝 नोट:
बीमा क्लेम के लिए नुकसान की सूचना 72 घंटे के अंदर देनी जरूरी है। समय पर सूचना नहीं देने पर क्लेम अस्वीकार हो सकता है।
आवेदन की अंतिम तिथि और ज़िलेवार अधिसूचना की जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि अधिकारी या जिला कलेक्टर कार्यालय से संपर्क करें।