एक निवेशक का सबसे बड़ा सच
क्या आप जानते हैं कि 62% छोटे व्यवसाय कैश फ्लो की समस्या से फेल होते हैं, चाहे वे प्रॉफिट में ही क्यों न हों? यही कारण है कि सिर्फ बैलेंस शीट देखना आधा सच जानने जैसा है। आइए समझते हैं कि क्यों इन तीनों फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स को एक साथ देखना जरूरी है।
1. तीनों स्टेटमेंट्स की भूमिका
स्टेटमेंट क्या बताता है उदाहरण
बैलेंस शीट एक निश्चित तिथि पर कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति 31 मार्च 2024 को कंपनी के पास ₹10 लाख कैश
P&L (प्रॉफिट एंड लॉस) एक निश्चित अवधि में कमाई और खर्च वर्ष 2023-24 में ₹50 लाख का प्रॉफिट
कैश फ्लो स्टेटमेंट वास्तव में कैश कहाँ से आया और कहाँ गया प्रॉफिट ₹50 लाख पर भी कैश में सिर्फ ₹5 लाख की वृद्धि
2. सिर्फ बैलेंस शीट देखने के खतरे
केस स्टडी: टेक्नो इंडिया लिमिटेड
बैलेंस शीट में: ₹20 करोड़ की संपत्ति
P&L में: ₹5 करोड़ का प्रॉफिट
कैश फ्लो में: (-)₹2 करोड़ (नेगेटिव)
समस्या: कंपनी ने बड़े ऑर्डर बुक किए थे पर ग्राहकों ने पेमेंट नहीं किया। P&L में प्रॉफिट दिखा पर असल में कैश नहीं आया।
3. तीनों को साथ कैसे एनालाइज करें?
स्टेप 1: बैलेंस शीट से शुरुआत
देखें करंट रेशियो (करंट एसेट्स/करंट लायबिलिटीज)
चेक करें डेट लेवल
स्टेप 2: P&L से कनेक्ट करें
प्रॉफिट बढ़ रहा है लेकिन रिटेन्ड अर्निंग्स नहीं बढ़ रहे? समस्या!
रेवेन्यू ग्रोथ vs डेब्टर्स (बैलेंस शीट में) की तुलना करें
स्टेप 3: कैश फ्लो की सच्चाई
ऑपरेटिंग कैश फ्लो P&L के प्रॉफिट से मेल खाता है?
इन्वेस्टिंग एक्टिविटीज: क्या कंपनी नए निवेश कर रही है?
फाइनेंसिंग एक्टिविटीज: ज्यादा लोन तो नहीं ले रही?
4. 5 महत्वपूर्ण क्रॉस-चेक पॉइंट्स
P&L में प्रॉफिट vs कैश फ्लो में ऑपरेटिंग कैश
अगर प्रॉफिट ज्यादा और कैश कम: ग्राहक पेमेंट नहीं कर रहे
बैलेंस शीट में डेब्टर्स vs P&L में सेल्स
डेब्टर्स तेजी से बढ़ रहे हैं? सेल्स की क्वालिटी खराब
इन्वेंटरी लेवल vs कॉस्ट ऑफ गुड्स सोल्ड
इन्वेंटरी बढ़ रही है पर सेल्स नहीं? मांग कम हो रही
डेप्रिसिएशन (P&L में) vs कैपेक्स (कैश फ्लो में)
पुराने उपकरणों को रिप्लेस करने की क्षमता
डिविडेंड (P&L में) vs फाइनेंसिंग कैश फ्लो
क्या कंपनी लोन लेकर डिविडेंड दे रही है?
5. रियल वर्ल्ड उदाहरण: रिलायंस इंडस्ट्रीज
2023 के आंकड़े:
बैलेंस शीट: टोटल एसेट ₹12 लाख करोड़
P&L: ₹73,670 करोड़ नेट प्रॉफिट
कैश फ्लो: ऑपरेटिंग कैश फ्लो ₹1.1 लाख करोड़
विश्लेषण:
ऑपरेटिंग कैश फ्लो > नेट प्रॉफिट → हेल्दी
कैपेक्स ₹1.4 लाख करोड़ → ग्रोथ में निवेश
डेट-टू-इक्विटी 0.45 → लो-रिस्क
निष्कर्ष: तीनों पहेलियों को जोड़कर देखें
एक अच्छा निवेशक वही है जो:
✔ बैलेंस शीट से फाइनेंशियल हेल्थ समझे
✔ P&L से प्रॉफिटेबिलिटी ट्रेंड पहचाने
✔ कैश फ्लो से वास्तविक स्थिति जाने
अगली बार जब कोई कंपनी देखें, इन तीनों को जरूर मिलाकर देखें!
क्या आप किसी विशेष कंपनी के इन तीनों स्टेटमेंट्स का विश्लेषण चाहते हैं? कमेंट में बताएं!